उत्तराखण्ड राज्य में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अलग अलग स्तर पर नौकरी पाने वालो के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। एक और बड़ी ख़बर आपको बता दें कि काफी दिनों से फरार चल रहा फर्जी शिक्षक गिरफ्तार हो गया है। इस शिक्षक पर फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के द्वारा शिक्षा विभाग में नियुक्ति पाने का आरोप है आरोपी करीब ढाई साल से फरार चल रहा था।
फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों का प्रयोग कर शिक्षा विभाग में नियुक्ति पाने के मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर एसआईटी जांच कर रही है। शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच के दौरान एसआईटी जांच रिपोर्ट के आधार पर अभी तक बड़ी तादाद में ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ विभागीय और पुलिस कार्रवाई हो चुकी है, जिनके प्रमाण पत्र जांच में फर्जी पाए गए हैं।
ऐसे ही एक मामले में लक्सर ब्लॉक के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय दरगाहपुर में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात आरोपी राजबीर सिंह निवासी ग्राम मोड़ा थाना कांठ जनपद मुरादबाद, उत्तर प्रदेश का एलटी प्रमाण पत्र एसआईटी जांच में फर्जी पाया गया था. इस पर आरोपी को निलंबित कर तत्कालीन कर दिया गया था. उप शिक्षा अधिकारी अमित कौटियाल की ओर से उसके खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया गया था. आरोपी इसके बाद से ही फरार चल रहा था।
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अमरचंद शर्मा ने बताया कि एसएसपी के निर्देश पर गठित टीम ने एक ठिकाने पर दबिश देकर आरोपी फर्जी शिक्षक को गिरफ़्तार कर लिया है. आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में फर्जी शिक्षकों का बड़ा रैकेट है पिछले साल ही सीबीसीआईडी और एसआईटी जांच में 55 फर्जी अध्यापकों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी. एसआईटी राज्य में 85 फर्जी शिक्षकों के खिलाफ 76 मुकदमे भी दर्ज करा चुकी थी. 127 शिक्षकों के खिलाफ जांच रिपोर्ट निदेशक विद्यालयी शिक्षा को भेजी जा चुकी थी. जिन शिक्षकों के खिलाफ एसआईटी ने कार्रवाई की थी, वो सभी साल 2012-2016 के बीच नियुक्त हुए थे।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना