Dying health system in Uttarakhand…. Uttarakhand” में सरकार भले ही लाखों दावे क्यों न कर ले लेकिन सच्चाई आज भी साफ है की स्वास्थ्य व्यवस्था दम तोड़ रही है, आपको बता दें की देहरादून के प्रेमनगर संयुक्त चिकित्सालय में नर्सिंग स्टाफ की कमी के कारण डॉक्टर अकेले ही ऑपरेशन करते हैं। अस्पताल में ओटी के लिए सिर्फ एक नर्स है जो सभी ओटी में ड्यूटी करती हैं। ऐसे में डॉक्टर को बिना नर्स की सहायता के ऑपरेशन करना पड़ता है।
आपको बता दें की अस्पताल में ओटी के लिए एक ही नर्स रेशमा हैं। यहां पर आंखों के ऑपरेशन, ईएनटी सर्जरी, जनरल सर्जरी, गर्भवती महिलाओं के सिजेरियन और ऑर्थो सर्जरी में रोजाना ऑपरेशन होते हैं। एक नर्स के लिए सभी विभागों के ऑपरेशन करवाना मुश्किल होता है। आंखों के ऑपरेशन की अलग और अन्य ऑपरेशन के लिए अलग ओटी है। ऐसे में एक समय में एक से अधिक मरीज के ऑपरेशन हो रहे हैंं तो नर्स मदद नहीं कर पाती। किसी दिन नर्स छुट्टी पर चली जाएं तो फिर सभी ओटी में बिना नर्स के ही काम किया जाता है।
उपकरण लेना और धोना खुद ही पड़ता
अस्पताल की नेत्र सर्जन डॉ. आकांक्षा ने बताया कि ऑपरेशन करते समय उपकरण खुद ही लेने पड़ते हैं। एक ऑपरेशन के बाद उपकरणों को धोना और दूसरे ऑपरेशन की तैयारी करना सारा काम डॉक्टर को ही करना पड़ता है। हालांकि, अस्पताल में अन्य स्टाफ है लेकिन वह वार्ड में ड्यूटी करता है।
रोजाना 300 ओपीडी, 10 सर्जरी हो रहीं
दून और कोरोनेशन के बाद प्रेम नगर अस्पताल में मरीजों का अधिक दबाव रहता है। प्रेमनगर उप जिला चिकित्सालय है। इसके बावजूद यहां की स्थिति बहुत दयनीय है। यहां रोजाना 300 मरीजों की ओपीडी होती है। रोजाना सभी विभागों में करीब 10 सर्जरी हो जाती हैं। एक सप्ताह में चार ऑपरेशन आंखों के ही होते है।
डॉ. संजय जैन, सीएमओ, देहरादून ने बताया की अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ के लिए 10 पद हैं, इसमें आठ पद भरे हुए हैं। दो नर्स आना बाकी हैं। कितनी नर्स की ड्यूटी लगानी है यह अस्पताल प्रशासन को तय करना है।
डॉ. राजेश कुमार सिंह आहलूवालिया, सीएमएस, प्रेम नगर अस्पताल ने कहा की अस्पताल में नर्स तो आठ हैं लेकिन इस समय अस्पताल में पांच नर्स ही कार्यरत हैं। इसलिए नर्सिंग स्टाफ की दिक्कत हो रही है।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना