सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए लाख दावे क्यों ही न कर ले लेकिन कई सरकारी अस्पताल में आज भी अनदेखी और लापरवाही देखने को मिल सकती है एक ऐसा ही मामला राज्य के उधमसिंहनगर जिले के दिनेशपुर से सामने आया है जहां सरकारी हॉस्पिटल में मरीजों को भर्ती करने की कोई व्यवस्था नहीं है और हॉस्पिटल से कोई दवाइयां मरीजों को नही दी जा रही है। दिनेशपुर का सरकारी हॉस्पिटल अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है जिससे सरकार के स्वास्थ्य सेवाएं के दावों की पोल खुलती है
आपकी जानकारी के लिए बता दें की दिनेशपुर के चिकित्सा अधिकारी प्रदीप पांडे पर महिलाओं ने सही इलाज ना करने का आरोप लगाया और यह आरोप एक बार नहीं बल्कि कई सालों से लगते हुए आ रहे हैं। बता दें दिनेशपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक पर महिलाओं को बाहर की दवाइयां लिखने और अस्पताल परिसर में होने वाली जांच ना करवाने का आरोप अनेक महिलाओं ने लगाया। इस मौके पर जांच करवाने के लिए आई थी और उनका आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी और उनकी कई तरह की जांच होनी थी लेकिन पर्चा आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी से बनाने पर अस्पताल के डॉक्टर ने मना कर दिया और उनका कहना है की जो भी पर्चा आयुर्वेदिक मैडम से बन बायेगा उसकी जांचे नहीं होंगी। क्योंकि लगातार कुछ दिनों से हैं आपस में उनका विवाद चल रहा है और उसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। और घंटो तक इंतजार करने के बाद भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ। मरीजों का आरोप है की डॉक्टर दुर्व्यवहार और अपशब्दों का प्रयोग करता है और एक अपनी पसंद की दवाइयां उपलब्ध नहीं होने का बहाना बनाते हैं और अपने मनपसंद मेडिकल स्टोर से दवाई खरीदने के लिए कहते हैं।
यहां दवाइयां उपलब्ध नहीं होने का बहाना बनाते हैं और वे लोग इलाज करवाने के लिए रुद्रपुर और प्राइवेट डॉक्टर के पास नहीं जा सकते। मजबूरन डॉक्टर के लिखे हुए दवाइयों को उनको खरीदनी पड़ती है मामले को देखते हुए मीडिया प्रभारी चिकित्सा विभाग प्रदीप पांडे के पास पहुंची तो वह कैमरे से बचते हुए गोलमोल जवाब देते हुए नजर आए। ये पहला मामला नहीं है लेकिन स्वास्थ्य विभाग हर बार एक पक्ष की कार्यवाही करता हुआ नजर आया है अब देखना यह होगा कि इस मामले में स्वास्थ्य विभाग क्या कार्यवाही करता है।