देश में अब धर्म के आधार पर शिक्षक भी बंट चुके है वह धार्मिक रूप से भेदभाव और अपमानजनक व्यवहार की घटना लगातार सामने आ रही हैं कहीं मुस्लिम शिक्षक हिंदू छात्र के साथ अपमानजनक व्यवहार कर रहें हैं तो कभी हिंदू शिक्षक। एक ऐसा ही मामला कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले से सामने आया है जहां एक स्कूल टीचर पर मुसलमान छात्रों के साथ अपमानजनक व्यवहार करने का आरोप लगा है। कथित तौर पर स्कूल टीचर ने दो मुस्लिम छात्रों से कहा कि वे पाकिस्तान चले जाएं। मामला तूल पकड़ने के बाद महिला टीचर का ट्रांसफर कर दिया गया है और उसके खिलाफ जांच शुरू की गई है।
बता दें की जनता दल सेक्युलर की अल्पसंख्यक शाखा के शिवमोग्गा जिला अध्यक्ष नजरुल्लाह ने इस मामले में शिक्षा विभाग में शिकायत दी है। नजरुल्लाह ने बताया की मंजुला देवी गुरुवार (31 अगस्त) को कक्षा 5 के बच्चों को पढ़ा रही थीं, इसी दौरान दो बच्चे आपस में लड़ने लगे। टीचर ने बच्चों को डांटा और कथित तौर पर कहा, “ये उनका देश नहीं है, हिंदुओं का है.”
अल्पसंख्यक शाखा के शिवमोग्गा जिला अध्यक्ष नजरुल्लाह ने कहा, “जब बच्चों ने हमें घटना के बारे में बताया तो हम हैरान रह गए। हमने डिप्टी डायरेक्टर सार्वजनिक निर्देश (डीडीपीआई) के पास शिकायत दर्ज की और विभाग ने शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई की।”
टीचर ने क्या कहा?
घटना की जांच करने वाले खंड शिक्षा अधिका (बीईओ) बी नागराज ने बताया है कि अन्य छात्रों ने भी घटना की पुष्टि की है। नागराज ने बताया, “टीचर ने कथित तौर पर छात्रों से कहा: ये तुम्हारा देश नहीं है, ये हिंदुओं का देश है, तुम्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए। तुम हमेशा के लिए हमारे गुलाम हो.”
खंड शिक्षा अधिकारी नागराज ने आगे बताया कि उन्होंने इस मामले में जांच रिपोर्ट सौंपी है, उच्चाधिकारियों के निर्देश पर आगे का फैसला लिया जाएगा।
यूपी में आया था मुस्लिम छात्र की पिटाई का मामला
कर्नाटक में मुस्लिम छात्रों के साथ ये घटना ऐसे समय में हुई है जब कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक मुस्लिम छात्र को क्लास के दूसरे स्टूडेंट्स से पिटवाने का वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में एक महिला टीचर क्लास के छात्रों को मुस्लिम छात्रों को मारने को कह रही थी। साथ ही महिला टीचर स्टूडेंट को लेकर टिप्पणी करती भी नजर आ रही थी।
पिटाई के मामले ने काफी तूल पकड़ा था और विपक्षी दलों ने इसके लिए उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा था। राहुल गांधी, असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेताओं ने इसे बीजेपी की नफरत की राजनीति का परिणाम कहा था।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना