Wednesday, March 29, 2023
Home India Update भगवान सूर्य की उपासना का महापर्व है छठ पूजा

भगवान सूर्य की उपासना का महापर्व है छठ पूजा

भगवान सूर्य की उपासना का महापर्व है छठ पूजा

भारत के साथ साथ कई देशों मे मनाई जाती है छठ पूजा

वेद प्रकाश यादव/ ख़बर पड़ताल/ किच्छा

किच्छा। सूर्या उपासान का सबसे बडा महापर्व छठ आज से शुरू हो चुका है छठ पर्व दीपावली के छठे दिन मनाया जाता है। सूर्य के छ्टे व्रत में होने के कारण इसे छठ कहा गया है। यह पर्व साल में दो बार मनाया जाता है। पहली बार चैत्र में और दूसरी बार कार्तिक ओर दूसरी चैत्र शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाए जाने वाले छठ पर्व को चैती छठ व कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाए जाने वाले पर्व को कार्ति की छठ कहा जाता है। वेद पुराणों के अनुसार छठ देवी सूर्यदेव की बहन है । इसलिए छठ पर्व पर छठ देवी के साथ सूर्य देव को प्रसन्न करना अनिवार्य हो जाता है ।पारिवारिक सुख-स्मृद्धि तथा मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए लिए इस पर्व को स्त्री और पुरुष समान रूप छठ मईया की पूजा रते है। ये महापर्व चार दिनो तक चलता है इन चारो दिन घर के आस पास साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना पडता है।

छठ पूजा की महत्व

छठ महापर्व दिवाली पूजा के छठे दिन मनाया जाता है। सूर्य के छठे व्रत में रहने के कारण इसे छठ महापर्व कहा गया है। छठ पूजा संतान की सुख-समृधि व मनोवांछित फल-प्राप्ति के मनाई जाती है। छठ पूजा में व्रत रखने वाले भगवान सूर्य को उपासना करते है ओर उनको अर्घ देते है।हिन्दू धर्म में जुडे सभी पर्व ओर त्यौहारो मे हमेशा ही उगते हुए सूर्य को नमस्कार और पूजा किया जाता है, लेकिन छठ ही एक ऐसा महापर्व है जिसमे हम डूबते हुए भगवान सूर्ये की पूजा करते हुए अर्घ्य दिया जाता है। ये महापर्व बिहार, उत्तर प्रदेश ,झारखंड मॉरीशस ओर पडोसी देश नेपाल में मानया जाता था लेकिन अब छठ महापर्व पूरे भारत के साथ साथ अन्य बहुत से देशो मे भी मनाया जाने लगा है।

 

 

छठ पूजा व्रत की विधि :

छठ पूजा चार दिन तक चलने वाला महापर्व है। छठ पूजा का आराम्भ कार्तिक माह के शुक्लपक्ष की चतुर्थी से होता है और कार्तिक शुक्लपक्ष सप्तमी को समाप्ति हो जाता है। इस अवसर पर उपवास रखने वाले स्त्री एंव पुरुष दोनों लगातार 36 घंटे तक अन्न ओर निर्जल का प्रयोग नही किया जाता है।

छठ व्रत विधि

8 नवम्बर को खाए नहाय:छठ पूजा के पहले दिन को खाए नहाय कहा जाता है क्योकि इस दिन व्रत करने वाले अपने घर को साफ सफाई करते है,जिसमें व्यक्ति को स्वयं शुद्ध होना चाहिए एंव घर मे शुद्ध शाकाहारी भोजन बनाकर भोजन ग्रहण करना चाहिए।

9 नवम्बर को खरना: दूसरे दिन की विधि को खरना की विधि होती है। इसके इसके लिए अपने रसोई घर खूब अच्छे से साफ कर ले और बर्तन भी साफ कर ले हो सके मिट्टी के बर्तन या फिर तो नये बर्तन का उपयोग करना चाहिए। खरना में स्त्री हो या पुरुष जो व्रत रखना चाहता हो उसे पूरे दिन का उपवास रखना है और शाम के समय गुड़ या गन्ने का रस में बने हुए चावल की खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए।

 

10 नवम्बर को सूर्यास्त का अर्घ्य: तीसरे दिन यानि षष्ठी को पूरे दिन का उपवास रखकर शाम के समय डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पूजा की सामग्रियों को डालिया में रखकर घाट(नदी,तालाब या सरोवर के किनारे) पर ले जाना चाहिए। शाम को सूर्य को अर्घ्य देने के बाद घर आकर सारा सामान वैसी ही रखना चाहिए। इस दिन रात के समय छठी माता के गीत और व्रत कथा सुननी चाहिए।ओर छठ का व्रत करनेवाले रात के समय धान के पुआर बिछाकर जमीन पर सोया करते है।

11 नवम्बर को सूर्योदय का अर्घ्य:छठ का व्रत रखने वाले स्त्री एंव पुरूष सुबह चार बजे से ही छठ घाट पर पहुचकर छठ माता की पूजा कर छठ माता को प्रणाम कर उनसे संतान-रक्षा का वरदान मांगती है
।इसके उपरांत सुबह सूर्योदय के समय सूर्या भगवान को अर्घ्य देते अपना उपवास खत्म करते है।और घाट पर आए समस्त श्रद्धालुओं प्रसाद वितरण करते है,घर पर आकार आस पास रहने वाले एंव अपने मित्रगणों को प्रसाद वितरण किया जाता है।

छठ पूजा मे प्रयोग होने वाली सामग्री।

बाक्स: ठेकुवा-देशी घी या सरसों के शुद्ध तेल मे बना ,दीपक जलाने के लिए देशी घी,सूप:बॉस या पितल की,डलिया:बॉस के फट्टे से बने दौरा,पूआ:मीठी पूडी,काशीफल,कच्चा नारियल,गन्ना पत्तो के साथ,नींबू,भीगे चाने,पान का पत्ता,सुपारी,सिंदूर
,सुथनी,शकलकंजी,डगरा
,हल्दी और अदरक का पौधा
,नाशपाती,कपूर,चावल अक्षत के लिए,चन्दन ,कुमकुम व पूजा समय होने वाले सभी फल एंव अन्य समाग्री शामिल किये जाते है।

छठ पूजा में भूल से न करें ये ग्यारह गलतियां।

1- घर में प्याज और लहसुन बिल्कुल न रखें।
2-पूजा के दौरान गंदे कपड़े नहीं पहनना चाहिए।
3-पूजा का सामान इधर-उधर नहीं रखना चाहिए।
4-पूजा में शराब या सिगरेट का सेवन नहीं करना चाहिए।
5-सूर्य को अर्घ्य देने से पहले जल या भोजन ग्रहण न करें।
6-व्रत रखने वाली महिलाओं को बेड पर नहीं सोना चाहिए।
7-बच्चों को पूजा से पहले प्रसाद और फल खाने नहीं देना चाहिए।
8-व्रत के दौरान घर में मांसाहारी खाना बिल्कुल भी नहीं रखना चाहिए।
9- नहाने या हाथ धोने से पहले पूजा की किसी सामग्री को हाथ न लगाएं।
10- व्रत में साधारण नमक का सेवन कतई न करें। आप सिर्फ सेंधा नमक खा सकते हैं।
11- प्रसाद बनाते वक्त कुछ खाना नहीं चाहिए और नमक या इससे बनी चीजों को हाथ नहीं लगाना चाहिए।

10 नवम्बर को शाम 5:25 बजे के बाद सूर्यास्त का अर्घ्य दिया जाएगा ओर 11 नबम्वर को सुबह 6:35 बजे को सूर्यादय के बाद से सूर्योदय का अर्घ्य देने के बाद व्रत का समापन होगा।उन्होंने बताया कि इस वर्ष कोई विशेष मुहूर्त नही है इसलिए सारे कार्यक्रम समय पर ही होगे।

डॉ पं0 अरूणेश मिश्रा,कार्यालय प्रबंधक,सनातन धर्म राधा कृष्ण मंदिर किच्छा।

RELATED ARTICLES

Uttarakhand: यहां दो ग्रामीणों ने प्रधानपति के प्रताड़ना से तंग आकर, लगा दिया घर में ताला किया पलायन; जांच में जुटी पुलिस; पढ़िए पूरी...

उत्तराखंड: प्रदेश के कई पहाड़ी इलाके में लोग पलायन कर रहे है कोई सरकार की नाकामी के चलते तो कोई परेशान होकर आपको बता...

Uttarakhand: फिर हुई पंतजली में इलाज कराने के नाम पर धोखाधड़ी, पंतजलि के स्टाफ पर ही शक; पढ़िए पूरी ख़बर…

उत्तराखंड: प्रदेश के हरिद्वार जिले में स्थित पतंजलि में एक बार फिर इलाज कराने का झांसा देकर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है बता...

Uttarakhand: इन अधिकारियों के कंधे पर जी20 सम्मेलन की सीएम धामी ने सौंपी जिम्मेदारी, बोले सीएम धामी- अतिथि खुश तो हम खुश; पढ़िए पूरी...

उत्तराखंड: बीते मंगलवार को विदेशी मेहमानों को कड़ी सुरक्षा और उत्तराखंडी और भारतीय रीति रिवाजों के साथ स्वागत करके रामनगर तक ले जाया गया।...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Uttarakhand: यहां दो ग्रामीणों ने प्रधानपति के प्रताड़ना से तंग आकर, लगा दिया घर में ताला किया पलायन; जांच में जुटी पुलिस; पढ़िए पूरी...

उत्तराखंड: प्रदेश के कई पहाड़ी इलाके में लोग पलायन कर रहे है कोई सरकार की नाकामी के चलते तो कोई परेशान होकर आपको बता...

Uttarakhand: फिर हुई पंतजली में इलाज कराने के नाम पर धोखाधड़ी, पंतजलि के स्टाफ पर ही शक; पढ़िए पूरी ख़बर…

उत्तराखंड: प्रदेश के हरिद्वार जिले में स्थित पतंजलि में एक बार फिर इलाज कराने का झांसा देकर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है बता...

Uttarakhand: इन अधिकारियों के कंधे पर जी20 सम्मेलन की सीएम धामी ने सौंपी जिम्मेदारी, बोले सीएम धामी- अतिथि खुश तो हम खुश; पढ़िए पूरी...

उत्तराखंड: बीते मंगलवार को विदेशी मेहमानों को कड़ी सुरक्षा और उत्तराखंडी और भारतीय रीति रिवाजों के साथ स्वागत करके रामनगर तक ले जाया गया।...

Uttarakhand: यहां प्रेमी के साथ पत्नी को देखा आपत्तिजनक हालत, चढ़ा पति का पारा; और फिर…..

उत्तराखंड: प्रदेश के रुड़की शहर में लगातार अपराधिक घटनाएं सामने आ रहीं हैं आपको बता दें की यहां जब पति ने अपनी पत्नी को...

Recent Comments

Translate »