हमास और इजरायल के बीच जंग के बीच आम बड़ी इस बीच अपडेट दे दें की साउदी अरब में गाजा के लिए आवाज उठाने पर गिरफ्तारी की जा रही है, बता दें की यहां प्रदर्शन पर बैन लगा दिया गया है….
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना
आपको जानकारी के लिए बता दें की इजरायल और हमास के बीच जारी जंग की आग न सिर्फ युद्ध क्षेत्र में लोगों को जला रही, बल्कि इसका असर दूसरे मुल्कों में भी देखने को मिल रहा है, इजरायल-हमास के बीच जंग को लेकर दुनिया के बाकी देश के लोग अपना समर्थन व्यक्त करते नजर आ रहे है. इसी दौरान सऊदी अरब मक्का और मदीना में राजनीतिक सक्रियता के लिए मुसलमानों पर सख्ती कर रहा है।
द मिडिल ईस्ट आई की एक रिपोर्ट के अनुसार किंगडम ने इस्लामिक पवित्र स्थलों मक्का और मदीना में गाजा और फिलिस्तीन के लिए एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए कई मुसलमानों को हिरासत में लिया है।
मक्का में हिरासत में लिए गए लोगों में से एक इस्लाह अब्दुर-रहमान नाम का एक ब्रिटिश अभिनेता और प्रेजेंटर था. उन्होंने अक्टूबर के आखिर में अपने परिवार के साथ मक्का की यात्रा की थी. इस दौरान उन्होंने इस्लामिक स्थल पर फिलिस्तीनी केफियेह (चौकोर दुपट्टा) पहना था, जिसके बाद उन्हें सऊदी सैनिकों ने हिरासत में ले लिया।
अल्जीरियाई व्यक्ति की गिरफ्तारी
मिडिल ईस्ट आई के अनुसार इस साल 10 नवंबर को मदीना में फिलिस्तीन समर्थक सक्रियता के लिए एक अल्जीरियाई व्यक्ति को भी किंगडम सरकार ने 6 घंटे के लिए हिरासत में लिया गया था. पीड़ित ने कहा कि मैंने मदीना में प्रार्थना की. फिलिस्तीन में बच्चों और पीड़ितों के लिए प्रार्थना की. क्या गाजा उत्पीड़ितों के लिए प्रार्थना करना अपराध है? मुझे नहीं पता था कि पवित्र स्थलों पर इसकी मनाही है।
इस्लाह अब्दुर-रहमान ने अफसोस जताया
इस्लाह अब्दुर-रहमान ने फिलिस्तीन समर्थकों पर सऊदी अरब की कार्रवाई पर अफसोस जताया. उन्होंने कहा, ”मैं वास्तव में डरा हुआ था. मैं एक ऐसे देश में था जो मेरा नहीं है. मेरे पास कोई अधिकार नहीं है और वे मेरे साथ कुछ भी कर सकते थे और मैं कुछ नहीं कह सकता था, इसलिए मैं डर गया था. मेरा डर दिल टूट गया. मुझे एहसास हुआ कि फ़िलिस्तीनियों को जिस चीज से गुजरना पड़ता होगा. उसका ये एक मात्र छोटा सा हिस्सा था.”