असम राज्य के राजनीति गलियारों से बड़ी खबर आपको बता दें की असम कांग्रेस ने असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ NSA लगाने की मांग की है। साथ ही तुरंत गिरफ्तारी की मांग भी की है आपको बता दें की मणिपुर में जारी हिंसा के बीच असम कांग्रेस प्रमुख भूपेन बोरा ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर गंभीर आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी की मांगी की है। आपको बता दें की बोरा ने बीते बुधवार को कहा कि सरमा ने कथित तौर पर मणिपुर चुनाव के लिए कुकी उग्रवादी समूह के नेताओं की मदद ली थी। ऐसे में उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। कांग्रेस नेता सरमा के इस तथाकथित ‘कुकी उग्रवादियों के साथ असंवैधानिक संबंध’ के विरोध में गुवाहाटी में भूख हड़ताल पर भी बैठे हुए थे।
आपको बता दें की आगे भूपेन बोरा ने कहा, पहली बार मैंने ऐसा सुना है कि एक लोकतांत्रित प्रक्रिया से चुने गए एक सीएम ने मणिपुर में चुनाव जीतने के लिए कुकी उग्रवादियों से मुलाकात की थी। एक उग्रवादी ग्रुप के नेता ने यह दावा किया है अब हमे यह देखना है कि क्या बीजेपी आलाकमान सरमा के खिलाफ कदम उठाती है या नहीं। उन्होंने कहा कि यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम- इंडिपेंडेंट के मुखिया परेश बरुआ अक्सर सरमा को अपना पूर्व समकक्ष बताते रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें की कुकी उग्रवादी नेता एसएस होओकिप ने साल 2019 में लिखे अपने एक पत्र में दावा किया था कि ‘हेमंत विश्वास सरमा’ और राम माधव ने 2017 के विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए कुकी उग्रवादी समूहों की मदद ली थी। बता दें कि 2017 के चुनाव में सरमा और राम माधव पूर्वोत्तर राज्य में भाजपा के चुनाव प्रभारी थे। इस चिट्ठी में हेमंत बिस्व सरमा की जगह हेमंत विश्वास सरमा के नाम का जिक्र था। अब इस मुद्दे पर कांग्रेस ने कहा है कि नाम की स्पेलिंग अलग होने के बाद भी यह तय है कि पत्र में असम के मुख्यमंत्री के नाम का ही उल्लेख था। इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को कहा, हिमंत बिस्व सरमा का उग्रवादियों के साथ संपर्क पुरानी खबर है, मुझे पता है कि वो कैसे काम करते हैं।
आपको साथ ही बता दें की कांग्रेस की ओर से लगाए गए इन आरोपों पर असम के सीएम की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है वहीं, राम माधव ने आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि वो कब कुकी उग्रवादियों से मिले थे। बता दें कि बीजेपी 2017 में पहली बार मणिपुर में सत्ता में आई और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व में सरकार बनी थी।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना