अब रेप आरोपी और महिलाओं से छेड़छाड़ के आरोपियों को छत्तीसगढ़ राज्य में जॉब नहीं मिलेगी, बता दें की छत्तीसगढ़ सरकार ने महिला अपराध को लेकर बड़ा फैसला लिया है। बालिकाओं और महिलाओं से छेड़छाड़ और रेप के आरोपियों को सरकारी नौकरी देने पर बैन लगाया गया है। इसको लेकर सामान्य प्रशासन विभाग से सभी कलेक्टरों को आदेश जारी कर दिया है।
इस आदेश के अनुसार आपको बता दें की सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने वाले कोई भी उम्मीदवार जिसे महिलाओं के खिलाफ किसी अपराध का दोष ठहराया गया हो। किसी सेवा या पद पर नियुक्ति का पात्र नहीं होगा, लेकिन जहां तक किसी उम्मीदवार के खिलाफ न्यायालय में ऐसे मामले लंबित हों तो उसकी नियुक्ति का मामला आपराधिक मामले का अंतिम फैसला होने तक लंबित रखा जाएगा। बीते 15 अगस्त को सीएम भूपेश बघेल ने रेप के आरोपियों के लिए सरकारी नौकरी पर बैन लगाने की घोषणा की थी, इसके अब सोमवार को प्रशासनिक आदेश जारी कर दिया गया है।
क्या है छत्तीसगढ़ सिविल सेवा की सामान्य शर्त
छत्तीसगढ़ सिविल सेवा की सामान्य शर्त अधिनियम 1961 के नियम 6 के उपनियम चार में तय किया गया है कि शासकीय सेवा में नियुक्ति के लिए ऐसे अभ्यर्थी जिनके खिलाफ बालिकाओं और महिलाओं से छेड़छाड़ और रेप से संबंधित मामला दर्ज है, उदाहरण के तौर पर अगर आरोपी व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 1960 की धारा 354, 376, 376क, 376ख, 376ग, 376घ, 509, 493, 496 और 498 और पॉक्सो एक्ट 2012 के अंतर्गत केस दर्ज हो, तो ऐसी स्थिति में आरोपी व्यक्ति को शासकीय सेवाओं और पदों पर नियुक्त नहीं किया जाएगा, जब तक कि मामले में अंतिम फैसला नहीं आ जाता है। सामान्य प्रशासन की ओर से सभी विभाग अध्यक्षों के अलावा कमिश्नर और कलेक्टर को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना