Bharat के पड़ोसी देश पाकिस्तानी जेलों में बंद करीब 80 मछुआरे को दिवाली के मौके पर रिहाई कर दिया गया, आपको बता दें की कल यानी 12 नवंबर को सभी मछुआरे गुजरात पहुंचे…
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना
आपको बता दें की दिवाली के मौके पर पाकिस्तानी जेलों में बंद 80 मछुआरे रिहाई के बाद रविवार (12 नवंबर) को गुजरात पहुंचे, इसके बाद उन्हें अपने परिवारों से मिलाने के लिए बस के जरिए गिर सोमनाथ जिले के वेरावल ले जाया गया।
मामले में एक अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान में कराची की जेलों से रिहा हुए 80 मछुआरे रविवार को ट्रेन से गुजरात के वडोदरा पहुंचे, मछुआरों को पाकिस्तानी अधिकारियों ने गुरुवार (9 नवंबर) को रिहा किया था, उन्हें अगले दिन पंजाब में अटारी-वाघा सीमा पर राज्य के मत्स्य पालन विभाग की एक टीम को सौंप दिया गया।
पाकिस्तानी सीमा में घुस गए थे मछुआरे
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक यह मुछआरे 2020 में गुजरात तट से रवाना हुए थे और कथित तौर पर मछली पकड़ने के लिए पड़ोसी देश की सीमा में चले गए थे, जहां उन्हें पाकिस्तान की समुद्री सेना ने उन्हें पकड़ लिया था. रिहा किए गए 80 मछुआरों में से 59 गिर सोमनाथ जिले से, 15 देवभूमि द्वारका से, दो जामनगर से, एक अमरेली से, सभी गुजरात के हैं, जबकि तीन केंद्र शासित प्रदेश दीव से हैं।
400 भारतीय मछुआरों की पहले ही हो चुकी है रिहाई
गौरतलब है कि करीब 200 मछुआरे अभी भी पाकिस्तानी जेलों में बंद हैं. बयान में कहा गया है कि रिहा किए गए मछुआरे अपने परिवारों के साथ दिवाली मना सकेंगे. इस साल मई और जून में पाकिस्तान सरकार ने करीब 400 भारतीय मछुआरों को रिहा किया था।
गुजरात सरकार ने 71 कैदियों की किया रिहा
इस बीच गुजरात प्रशासन ने भी 71 कैदियों को रिहा कर दिया है. कैदियों की रिहाई पर गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने रविवार (12 नवंबर) को कहा कि इन सभी कैदियों ने नियमों के अनुसार अपनी सजा के 14 साल काट लिए थे. इनमें से कई कैदी 70 साल से अधिक उम्र के हैं, जबकि अन्य की उम्र 35 से 40 साल के बीच है. इन सभी कैदियों ने अपनी सजा काटते समय नियमों का पालन किया और सलाखों के पीछे अच्छा आचरण दिखाया।