रक्षाबंधन के दिन को भाई बहन के लिए बड़ा ही खास माना जाता है कहा जाता है की इस दिन बहन भाई की कलाई पर रक्षा धागा बांधकर भाई से रक्षा का वचन लेती है और भाई भी जीवन भर बहन की रक्षा का वचन देता है। लेकिन को खबर हम आपको बताने जा रहें हैं सुने कर शायद आप भी उस बहन के तारीफो के पुल बांधने लग जाएं, आपको बता दें की रक्षा बंधन से फेल एक बहन ने अपने भाई की रक्षा करते हुए उसे नया जीवन दिया।
दरअसल, आपको बता दें की राजधानी दिल्ली के रहने वाले हरेंद्र (35) पेशे से एक सेल्समैन हैं। बीते साल 2022 में उन्हें बिना किसी कारण थकावट और भूख न लगना जैसे लक्षणों का अनुभव हुआ तो उन्होंने जांच कराई। जांच में सामने आया कि उन्हें एडवांस किडनी फेलियर की समस्या है। इसके बाद उनकी हालात बिगड़ती गई और दिसंबर 2022 तक नियमित डायलिसिस कराना हरेंद्र का डेली रूटीन बन गया। स्वास्थ्य कारणों से उन्हें नौकरी भी छोड़नी पड़ी, क्योंकि उन्हें हर हफ्ते 3 डायलिसिस सेशन कराने की जरूरत पड़ती थी और उनकी कंपनी हफ्ते में तीन बार डायलिसिस सेशन कराने के लिए पेड लीव नहीं दे सकती थी, जिससे उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगा।
इस बीच उनकी छोटी बहन प्रियंका (23) उम्मीद की किरण बनकर आई और भाई को एक किडनी डोनेट करने का फैसला किया। पहले तो सबको बहुत खुशी हुई, लेकिन फिर लोगों ने कहा कि किडनी डोनेट करने से उन्हें आगे चलकर मां बनने में समस्या हो सकती है. इसके बावजूद प्रियंका अपने फैसले पर अडिग रहीं और 10 अगस्त को 2023 को प्राइमस हॉस्पिटल में प्रियंका की किडनी को उनके भाई हरेंद्र के शरीर में ट्रांसप्लांट किया गया. डॉक्टरों की देखभाल के बाद अब हरेंद्र सामान्य जीवन जी रहे हैं और नौकरी भी फिर से शुरू कर दी है. वहीं, प्रियंका के इस साहस भरे फैसले से पूरा परिवार उन्हें धन्यवाद कर रहा है।
वहीं हॉस्पिटल के नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. पीपी वर्मा और कंसलटेंट डॉ. महक सिंगला ने बताया कि यह किडनी ट्रांसप्लांट बहुत जटिल था, क्योंकि प्रियंका के किडनी में तीन धमनियां थी। दो धमनियों वाली किडनी के मुकाबले तीन धमनियों वाली किडनी भिन्न होने के साथ दुर्लभ होती है। डॉक्टरों के अनुसार, एक से अधिक धमनियों वाली किडनी को ट्रांसप्लांट करना तकनीकी रूप से अधिक मुश्किल भी होता है, क्योंकि से इससे वस्कुलर कॉम्प्लिकेशन (उन रक्त वाहिकाओं का प्रभावित होना, जो आपके शरीर में शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्व ले जाती हैं और आप ऊतकों से अपशिष्ट निकालती हैं) का खतरा बढ़ जाता है।
डॉ. पीपी वर्मा ने कहा कि किडनी दान करने से मरीज को नया जीवन मिल सकता है। समाज में एक मिथक है कि अगर कोई महिला अपनी किडनी दान करती है, तो उसे आगे चलकर गर्भधारण करने में बनने में परेशानी होगी, लेकिन सच यह है कि किडनी दान करने से महिला की गर्भधारण करने की क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ता है पहले भी कई महिलाएं किडनी डोनेट करने के बाद भी गर्भधारण कर चुकी हैं वो भी बिना किसी परेशानी के. किडनी डोनेट करने से किसी महिला पर गर्भधारण करने पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है. इस बारे में हरेंद्र ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, मेरी बहन ने रक्षाबंधन पर मुझे एक अनमोल तोहफा दिया है और वह मेरे साथ मेरी ताकत बनकर खड़ी है। वहीं प्रियंका ने कहा कि अपने भाई की जान बचाकर वह बहुत खुश हैं।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना