उत्तराखंड: राज्य के इस जिले के अस्पताल में बत्ती गुल मीटर चालू का सिलसिला चल रहा है। बता की उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले के बेस हॉस्पिटल अभी शुरू भी नहीं हुआ है और यह कह पाने भी मुश्किल है की यह अस्पताल कब शुरू होगा। लेकिन आपको बता दें की बेस अस्पताल शुरू होने से पहले ही यहां बिजली बिल लाखों में आ रहा है। अब ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि जब लोगों को बेस अस्पताल का फिलहाल कोई फायदा नहीं मिल रहा है तो 50 लाख तक का बिल आखिर क्यूं आ रहा है। 65 करोड़ से अधिक की लागत से बेस हॉस्पिटल की बिल्डिंग बने 2 साल गुजर गए हैं। इसके साथ ही आपको बता दें की इन दो सालों में हॉस्पिटल शुरू करने के दावे तो लाख हो चुके हैं।लेकिन जमीनी हकीकत दावों से रत्ती भर भी मेल नहीं खा रही है, बावजूद इसके बेस हॉस्पिटल में आ रहे बिजली बिल ने सभी चौंका दिया है। 2020 में बेस हॉस्पिटल में बिजली का कनेक्शन लगा था, तब से अब तक यहां 50 लाख का बिल आ चुका है। ऐसे में जब बेस अस्पताल शुरू ही नहीं हो पाया है तो लाखों में आ रहे बिल पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं।पिथौरागढ़ के विधायक ने इस मामले को भ्रष्टाचार से जोड़ा है.
आपको बता दें की यह का विधायक का कहना है कि जिले में बिना अस्पताल शुरू हुए 50 लाख का बिल आ रहा है, जिससे साबित होता है कि बिल की आड़ में कुछ गलत हो रहा है। लाखों में आ रहे बिजली बिल से सियासी पारा आसमान पर चढ़ा है। हेल्थ डिपार्टमेंट ने आधा बिल तो चुकता कर लिया है। लेकिन शेष 25 लाख की भारी-भरकम धनराशि का जुगाड़ करना आसान नजर नहीं आ रहा है। विभाग ने बचे बिल के लिए सीएम रिलीफ फंड में फरियाद लगाई है।
इसके अलावा आपको बता दें की अस्पताल के हेल्थ डिपार्टमेंट की अगर मानें तो बेस अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट सहित कई मशीनों को संचालन में रखना जरूरी है।इन मशीनों को जिंदा रखने में ही लाखों की बिजली खर्च रही है।सीएमओ डा0 एचएस ह्यांकी ने बताया कि कोरोना काल में बेस अस्पताल में मरीजों का इलाज चल रहा था। जिस कारण भी बिल ज्यादा आया है. इसके अलावा लगी मशीनों के संचालन के लिए भी बिजली की जरूरत होती है