रिपोर्ट- साक्षी सक्सेना
आज के समय जिस तरह से लोग नई नई तकनीकों का प्रयोग कर रहें हैं लगातार ये युग डिजिटल बनता जा रहा है उसी तरह से ऑनलाइन घोटाले और फ्रॉड तेजी से बढ़ रहे हैं। आपको बता दें की कभी बैंक के जरिए कभी जॉब, क्रेडिट कार्ड जैसे फ्रॉड लगातार रोजाना के जीवन में लोगों के साथ हो रहें हैं इसलिए आपको कोई काम ऑनलाइन करते समय सुरक्षा के लिए ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। आपको बता दें की इन खतरों में से एक टाइपोस्क्वाटिंग है। यह एक ऐसा स्कैम है, जिसके बारे में काफी कम लोगों को जानकारी है।
आपको जानकारी के लिए बता दें की टाइपोस्क्वाटिंग स्कैम यह एक ऐसा फ्रॉड है, जहां स्कैमर यूजर को गलत तरीके से फेक वेबसाइट पर विजिट कराता है। इस आर्टिकल में हम आपको टाइपोस्क्वाटिंग स्कैम के बारे में बताने वाले हैं। आप कुछ तरीकों से खुद को इस स्कैम से सेफ रख सकते हैं। टाइपोस्क्वाटिंग स्कैम एक प्रकार का साइबर क्राइम है, जहां हैकर्स और स्कैमर्स असली वेबसाइट के समान एक नया डोमेन नाम बनाते हैं। ये फेक वेबसाइट देखने में बिलकुल असली वेबसाइट जैसी लगती हैं। इसका डिजाइन और नाम बिल्कुल असली वेबसाइट जैसा मिलता-जुलता होता है। बता दें की एक बार जब कोई यूजर नकली या टाइपोस्क्वाट वेबसाइट खोलता है, तो वह फिशिंग साइट या मालवेयर वाले इंटरनेट पेज पर रीडायरेक्ट हो जाता है। ऐसे अटैक में जब यूजर किसी गलत साइट पर विजिट करता है तो हैकर्स उससे बैंकिंग डिटेल्स चुराने की कोशिश करते हैं।
आपको जानकारी के लिए बता दें की आप इन तरीकों से इस ठगी से बच सकतें हैं…….
- अनजान ईमेल, टेक्स्ट मैसेज आदि में अटैच होने वाले लिंक पर क्लिक करने में सावधानी बरतें।
- सोशल मीडिया पर या संदिग्ध वेबसाइट्स के माध्यम से किसी भी लिंक पर क्लिक न करें।
- आप जिस वेबसाइट लिंक पर क्लिक करने वाले हैं, उसके ऊपर उसका URL जरूर चेक करें।
- URL टाइप में गलती करने से बचने के लिए बार-बार विजिट करने वाली साइट्स को बुकमार्क करें।
- अनवेरिफाइड सोर्सेज से आने वाले ईमेल की अटैचमेंट को न खोलें।
- यदि आपको लगता है कि आप किसी तरह एक फर्जी वेबसाइट पर आ गए हैं तो जल्दी से ब्राउजर को बंद करें।
- ऐसे साइबर अटैक से बचने के लिये अपने फोन में एंटीवायरस सब्सक्रिप्शन लें।