उत्तराखंड अवैध रूप से हो रहे जमीनों पर कब्जे को लेकर राज्य सरकार सख्त है बता दें की प्रदेश के सभी धार्मिक स्थल और चारधाम में काम कर रहे सभी बाहरी लोगों का सत्यापन करवाने के सीएम धामी ने गृह विभाग को निर्देश दिया है बता दें की राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश भर में बाहरी लोगों के सत्यापन अभियान में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने बाहर से आकर उत्तराखंड में नए भूखंड व भूमि खरीदने वालों की पृष्ठभूमि की भी जांच करने के निर्देश दिए। आगे उन्होंने ने कहा कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को सरकार बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों के लिए जवाबदेह अफसरों व कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री राज्य सचिवालय में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के संबंध में समीक्षा बैठक कर रहे थे। बैठक में बताया गया कि अवैध कब्जों के खिलाफ अभियान के तहत 455 हेक्टेयर वन भूमि से अतिक्रमण हटा दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, कारपेंटर व अन्य क्षेत्रों से जुड़े रोजगार में स्थानीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार कौशल विकास विभाग के सहयोग से तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएगी। सरकार इसके लिए आर्थिक मदद भी करेगी। मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को इस संबंध में शासनादेश जारी करने के निर्देश दिए।
साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के संबंध में सोमवार को ही शासनादेश जारी करें। उन्होंने अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की कि प्रदेश में अतिक्रमण वाली भूमि पर राज्य के बाहर के कितने लोगों का कब्जा है और ऐसे कितने स्थानीय लोग हैं? बता दें की उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को अपने जिलों की शत्रु संपत्तियों पर शीघ्र कब्जा लेने और उन पर पब्लिक पार्टनरशिप के तहत परियोजना का प्रस्ताव बनाकर शीघ्र शासन को भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने शत्रु संपत्तियों को जल्द चिह्निकरण कर अपने अधीन लेने को कहा
मुख्यमंत्री ने यह भी सख्त लहजे में कहा कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को न रोक पाने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय हो और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। सरकारी भूमि से विशुद्ध रूप से अतिक्रमण हटना है। इसके लिए शासन से जो आदेश जारी होंगे, उस पर सभी जिलों को तेजी से कार्य करना है। मुख्यमंत्री ने गृह विभाग को आदेश दिए कि बाहरी व्यक्तियों का लगातार सत्यापन अभियान चलाया जाए व किरायेदारों का भी नियमित सत्यापन हो। इस काम में लापरवाही करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की जाए। अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें और एक दूसरे का सहयोग करें। इसके साथ ही सीएम धामी ने राज्य के गढ़वाल और कुमाऊं मंडल आयुक्तों को भी सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने से लेकर सत्यापन अभियान तक की सभी गतिविधियों पर निगरानी रखने और नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए। काम के प्रति लापरवाही करने के लिए अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा।
साथ ही उन्होंने जिलाधिकारियों को ताकीद किया कि प्रदेश में किसी भी व्यक्ति के जाली प्रमाणपत्र न बनें। यदि ऐसी कोई शिकायत आती है तो, संबंधित पर सख्त कार्रवाई की जाए। विभागों द्वारा सरकारी जमीन से अवैध अतिक्रमण हटाने की जो रिपोर्ट दी जा रही है, उनका क्रॉस वेरिफिकेशन भी कराया जाए, गलत सूचना देने वालों पर भी कार्रवाई हो। बता दें की सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए सभी सरकारी भूमि का अलग यूनिक नंबर होगा। सभी विभाग अपनी सरकारी संपत्ति का रजिस्टर बनाएंगे, इसकी डिजिटल इन्वेंटरी होगी। सरकारी भूमि की समय-समय पर सेटेलाइट पिक्चर ली जाएगी। अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनी। तकनीकी सहायता के लिए राज्य परिषद में एक प्रकोष्ठ बनाया गया। राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। जिला और राज्य स्तरीय समिति अतिक्रमण हटाने के लिए की गई कार्रवाई की नियमित निगरानी करेगी।
बता दें की आगे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया की सरकारी भूमि से अवैध कब्जे हटाने का अभियान तेजी से चल रहा है। कई स्थानों पर लोग खुद ही अतिक्रमण हटा रहे हैं। जहां नहीं हट रहा है, उसे प्रशासन हटाएगा। किसी भी धर्म की आड़ में सरकारी भूमि पर कब्जा नहीं करने देंगे। टास्क फोर्स बना दी गई है। जो जनसांख्यिकीय परिवर्तन हुआ है, उस पर काम करेंगे। सत्यापन अभियान में तेजी लाएंगे। बाहर से आकर यहां जमीन या प्लाट खरीदने वालों की जांच होगी।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना