रुद्रपुर -पैसा पैसा और सिर्फ पैसा यह किस माध्यम से आता है इसकी अवधारणा को कोई भी इस रुद्रपुर शहर में तय नहीं करता, उन सबका एक ही उद्देश्य है कि हर संभव प्रयास से अधिक से अधिक पैसा उनके पास एकत्र हो ।चाहे उनके लिए उनको मासूमों की जान ही क्यों ना लेनी पड़े। इस विषय पर लिखने के लिए अनेक सामग्री है लेकिन आज हम बात करते हैं सिर्फ और सिर्फ जीवन दाता कहे जाने वाले डॉक्टरों की, जिनको एक मरीज अपना भगवान समझता है। वर्तमान समय को देखते हुए शहर में अनेक स्पेशलिस्ट चिकित्सा रुद्रपुर में अपना कार्यभार संभाल रहे हैं। लेकिन इनकी आड में शहर के हर गली मोहल्ले में ऐसे झोला छाप और फर्जी डॉक्टरों की लाईन लंबी से लंबी होती चली गई जो सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए और पैसे की चाहत में कुछ भी करने को तैयार हैं। सिर्फ रुद्रपुर ही नहीं जसपुर से लेकर खटीमा तक पिछले कई दिनों में ऐसे कई केस सामने आ चुके हैं कि जहां इन अनपढ़ झोलाछाप डॉक्टरों की वजह से असमय ही मासूम लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी है ।रुद्रपुर शहर इससे अपवाद नहीं है ,क्योंकि रुद्रपुर में आए दिन यह घटनाएं घटित हो रही हैं। पिछले दिनों जब प्रीत विहार में एक मासूम की मौत हो गई जिसका उपचार करने में यह डॉक्टर कहे जाने वाला व्यक्ति बिल्कुल असफल था। मामले की जानकारी मिलने पर विधायक शिव अरोड़ा ने कठोर से कठोरता कार्रवाई करने के आदेश दे दिए। लेकिन क्या किसी मासूम की मौत के बाद ही जनप्रतिनिधि और स्वास्थ्य विभाग अपनी आंखें खोलता है ,ऐसा क्यों नहीं होता कि जब सरकार की ओर से स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए इतनी योजनाएं प्रारंभ की गई है कि स्वास्थ्य विभाग हर पल ऐसे लोगों पर नजर रखें कि जो लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं ,,लेकिन स्वास्थ्य विभाग भी मौन पर नही लोगों के आक्रोश पर ही जागता है ।अब इस बात को गंभीरता से लेते हुए विधायक शिव अरोरा ने ठान लिया है कि वह भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं इस रुद्रपुर ही नहीं वरन पूरे जनपद में नहीं होने देंगे, और जल्द ही जिलाधिकारी के साथ बैठक कर पूरे स्वास्थ्य मंत्रालय को चौकन्ना करेंगे ,ताकि वह शहर गली ,मोहल्ला जाकर पल-पल में ऐसे लोगों की खबर रखें कि जो स्वास्थ्य के नाम पर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं
आखिर क्यों, डॉक्टरों और अस्पतालों की लापरवाही से होने वाली मौत के बाद ही जागता है स्वास्थ्य विभाग” और एक्शन मे आते है जनप्रतिनिधि?
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